जरा मन की किवड़िया खोल हरि तेरे द्वारे खड़े लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
जरा मन की किवड़िया खोल
हरि तेरे द्वारे खड़े
द्वार खड़े हरि द्वार खड़े
द्वार खड़े हरि द्वार खड़े
ज़रा मन की किवड़िया खोल
हरि तेरे द्वार खड़े।।
दो दिन की है या जिंदगानी
या जिंदगानी हां या जिंदगानी
प्रेम से काटो जग के प्राणी
जग के प्राणी हां जग के प्राणी
जरा हरि रसना मन घोल
हरि तेरे द्वारे
ज़रा मन की किवड़िया खोल
हरि तेरे द्वार खड़े।।
झूठी दुनिया से नाता तोड़ो
नाता तोड़ो हाँ नाता तोड़ो
हरि चरण में नाता जोड़ो
नाता जोड़ो हाँ नाता जोड़ो
जरा हरि नाम मुख से बोल
हरि तेरे द्वारे
ज़रा मन की किवड़िया खोल
हरि तेरे द्वार खड़े।।
जरा मन की किवड़िया खोल
हरि तेरे द्वारे खड़े
द्वार खड़े हरि द्वार खड़े
द्वार खड़े हरि द्वार खड़े
ज़रा मन की किवड़िया खोल
हरि तेरे द्वार खड़े।।
गायक गोलू ओझा।
प्रेषक सुरेश धाकड़ बाला खेड़ा।
9753145644
zara man ki kiwadiya khol lyrics