यो तन जावसी रे मनवा चेत सके तो चेत लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










यो तन जावसी रे मनवा
चेत सके तो चेत।
दोहा क्या भरोसा देह का
विनश जाय छिन माय
स्वासो स्वास सुमिरन करो
और यतन कछु नाय।


यो तन जावसी रे मनवा
चेत सके तो चेत
मानव तन दुर्लभ से मिलियो
करले हरी से हेत
ओ तन जावसी रे मनवा
चेत सके तो चेत।।


सब जग दीसे जावतो रे
रह्यो न दीसे एक
काळ सभी को खावसी रे
क्या जगत क्या भेक
ओ तन जावसी रे मनवा
चेत सके तो चेत।।









मात पिता मिल बीछड़े रे
बहुरि न मिलना होय
जीव ने जम ले जावसी रे
राख सके नहीं कोय
ओ तन जावसी रे मनवा
चेत सके तो चेत।।


इन अवसर चेत्या नहीं रे
मूर्ख महा जाण
अंत समय जम लूट सी रे
होसी बहुत ही हाण
ओ तन जावसी रे मनवा
चेत सके तो चेत।।


अनन्त कोटि सन्तजन केवे रे
सतगुरु केवे बढ़ाय
मनी राम मिल शब्द से
जहाँ काळ न पहुँचे आय
ओ तन जावसी रे मनवा
चेत सके तो चेत।।


ओ तन जावसी रे मनवा
चेत सके तो चेत
मानव तन दुर्लभ से मिलियो
करले हरी से हेत
ओ तन जावसी रे मनवा
चेत सके तो चेत।।
स्वर संत श्री हरिदासजी महाराज।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052










yo tan jawasi re manwa chet sake to chet lyrics