ये वो चुरू का दरबार है जहाँ मिलता सदा प्यार है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










ये वो चुरू का दरबार है
जहाँ मिलता सदा प्यार है
श्री बाबोसा है जिनका नाम
दीन दुखियों का दातार है
ये तो चुरू का दरबार है।।
तर्ज ये तो सच है कि भगवान है।


आओ एक बार हम
चुरू धाम चले
इस दर से बिन मांगे
सब कुछ मिले ओओ
इनकी कृपा से ही
ये गुजारा चले
इनके साये में
सबको खुशिया मिले
करते भक्तो पे उपकार है
अर्जी करता ये स्वीकार है
श्री बाबोसा है जिनका नाम
दीन दुखियों का दातार है
ये तो चुरू का दरबार है।।


धन्य धरा है ये
जिसका चुरू है नाम
श्री बाबोसा का
जहाँ पावन है धाम ओओ
स्वर्ग सी मस्ती है
आकर देखो जरा
दिव्य स्वरूप में
बैठा बाबा मेरा
इनकी महिमा का न पार है
जिनको पूजे ये संसार है
श्री बाबोसा है जिनका नाम
दीन दुखियों का दातार है
ये तो चुरू का दरबार है।।









यही है कामना
दिल मे है भावना
चुरू धाम बुला
करते है प्रार्थना ओओ
एक आस मेरी
मन मे विश्वास है
आऊँ दर पे तेरे
जब तक सांस है
दिलबर दिल के ये उदगार है
विभु सच्चा ये दरबार है
श्री बाबोसा है जिनका नाम
दीन दुखियों का दातार है
ये तो चुरू का दरबार है।।


ये वो चुरू का दरबार है
जहाँ मिलता सदा प्यार है
श्री बाबोसा है जिनका नाम
दीन दुखियों का दातार है
ये तो चुरू का दरबार है।।
गायिका विभु मालवीया।
लिरिक्स दिलीप सिंह सिसोदिया दिलबर।
नागदा जक्शन मप्र 9907023365










ye vo churu ka darbar hai babosa bhajan lyrics