यदि नाथ का नाम दयानिधि है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी
दुखहारी हरी दुखिया जन के
दुख क्लेश हरेगें कभी ना कभी।।
जिस अंग की शोभा सुहावनी है
जिस श्यामल रंग में मोहनी है
उस रूप सुधा से स्नेहियों के
दृग प्याले भरेगें कभी ना कभी।।
जहां गिद्ध निषाद का आदर है
जहाँ व्याध अजामिल का घर है
वही भेष बनाके उसी घर में
हम जा ठहरेगें कभी ना कभी।।
करुणानिधि नाम सुनाया जिन्हें
कर्णामृत पान कराया जिन्हें
सरकार अदालत में ये गवाह
सभी गुजरेगें कभी ना कभी।।
हम द्वार में आपके आके पड़े
मुद्दत से इसी है जिद पर अड़े
भवसिंधु तरे जो बड़े से बड़े
तो ये बिन्दु तरेगें कभी ना कभी।।
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी
दुखहारी हरी दुखिया जन के
दुख क्लेश हरेगें कभी ना कभी।।
रचना बिन्दु जी।
स्वर कन्हैयालाल जी शर्मा।
प्रेषक अमर।
8882747233
yadi nath ka naam dayanidhi hai lyrics in hindi