याद मुझको कन्हैया तेरी आई अखियों से नीर बरसे लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










याद मुझको कन्हैया तेरी आई
अखियों से नीर बरसे।
श्लोक पापी कंस को कृष्ण ने मारा
दुःख से सब भक्तो को उबारा
मात पिता को अपने छुड़ाए
उग्रसेन का कष्ट मिटाये
बन गये मथुरा के महाराजा
बजने लगा खुशियों का बाजा
कान्हा बन गए मथुरा वासी
पर छा गई फिर ब्रज में उदासी
गोकुल में छाई थी उदासी
रोता था हर गोकुल वासी
राधा विरह में बन गई पगली
तड़पे जैसे जल बिन मछली
बेबस अधिक वो जब होती थी
ये कह कह के वो रोती थी।


याद मुझको कन्हैया तेरी आई
अखियों से नीर बरसे
याद मुझको ऐ श्याम तेरी आई
अखियों से नीर बरसे
तूने राधा की सुध क्यों भुलाई
अखियों से नीर बरसे
याद मुझको ऐ श्याम तेरी आई
अखियों से नीर बरसे
याद मूझको कन्हैया तेरी आई
अखियों से नीर बरसे।।


ब्रज से नाता तोड़ गए तुम
मुझको तड़पता छोड़ गए तुम
जान ले लेगी तेरी जुदाई
अखियों से नीर बरसे
याद मूझको ऐ श्याम तेरी आई
अखियों से नीर बरसे।।









तोड़ दिया है पाँव का पायल
अब क्या नाचू हो गई घायल
तेरी बंसी तो हो गई पराई
अखियों से नीर बरसे
याद मूझको ऐ श्याम तेरी आई
अखियों से नीर बरसे।।


छोड़ चुकी हूँ जाना पनघट
हो गया सुना बन गया मरघट
रुत है पतझड़ की मधुबन में आई
अखियों से नीर बरसे
याद मूझको ऐ श्याम तेरी आई
अखियों से नीर बरसे।।


प्रीत किये हो किशन कन्हैया
दिल में बसे हो किशन कन्हैया
दिप अँखियो में सूरत समाई
अखियों से नीर बरसे
याद मूझको ऐ श्याम तेरी आई
अखियों से नीर बरसे।।


याद मुझको कन्हैया तेरी आई
अखियों से नीर बरसे
याद मुझको ऐ श्याम तेरी आई
अखियों से नीर बरसे
तूने राधा की सुध क्यों भुलाई
अखियों से नीर बरसे
याद मुझको ऐ श्याम तेरी आई
अखियों से नीर बरसे
याद मूझको कन्हैया तेरी आई
अखियों से नीर बरसे।।













yaad mujhko kanhaiya teri aayi lyrics