वक्त की बलिहारी पांच पति बलधारी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
वक्त की बलिहारी
पांच पति बलधारी।
तर्ज तू कितनी अच्छी है ओ माँ।
दोहा बहना नग्न तेरी हो रही
टेर सुनो यदुनंदन
रिश्ता भूले क्या भाई का
और वो रक्षा बंधन
फिर भी आए नहीं कन्हैया
तब है मन में डोली
लाज बचा ले आज बहन की
मनमोहन से बोली।
वक्त की बलिहारी
पांच पति बलधारी
बनी अबला नारी
आओ श्याम आओ श्याम
आओ श्याम आओ श्याम
अनीति छाई है
निति बिसराई है
बहन घबराई है
आओ श्याम आओ श्याम
आओ श्याम आओ श्याम।।
पांच पति बलवान हमारे
पांच पति बलवान हमारे
जिनके ऊपर गर्व हमें
आज वही जुआ में हारे
मुसीबत है भारी
हुई सब विधि खाली
दुष्ट खींचे साड़ी
आओ श्याम आओ श्याम
आओ श्याम आओ श्याम।।
लाज लुटी गर श्याम हमारी
लाज लुटी गर श्याम हमारी
कैसे कहोगे दुनिया से
द्रोपती थी बहन हमारी
आज जो मैं हारी
तो सुन ले बनवारी
हंसेगे नर नारी
आओ श्याम आओ श्याम
आओ श्याम आओ श्याम।।
याद करो कुछ मदन मुरारी
याद करो कुछ मदन मुरारी
चिर फाड़ के बाँधा श्याम जब
उंगली कटी तुम्हारी
फ़र्ज निभा जाओ
कर्ज चूका जाओ
लाज बचा जाओ
आओ श्याम आओ श्याम
आओ श्याम आओ श्याम।।
जगत करेगा मेरी हांसी
जगत करेगा मेरी हांसी
कौन तुझे भगवान कहेगा
कहे किशन ब्रजवासी
लाज मेरा गहना
सुनो मेरा कहना
टेर रही बहना
आओ श्याम आओ श्याम
आओ श्याम आओ श्याम।।
वक्त की बलिहारी
पांच पति बलधारी
बनी अबला नारी
आओ श्याम आओ श्याम
आओ श्याम आओ श्याम
अनीति छाई है
निति बिसराई है
बहन घबराई है
आओ श्याम आओ श्याम
आओ श्याम आओ श्याम।।
गायिका सुरभि चतुर्वेदी।
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waqt ki balihari panch pati baldhari lyrics