विश्वकर्मा महाराज म्हारा सारो सगला काज भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










विश्वकर्मा महाराज म्हारा
सारो सगला काज।
दोहा रचना रा हो राजवी
करणी रा किरतार
शिल्प सवायो आपरो
श्री विश्वकर्मा दातार।


विश्वकर्मा महाराज म्हारा
सारो सगला काज
आवो आंगनीया मे आज
थाने मै ध्यावा जी मै ध्यावा।।


मात भोवना री गर्भ में आया
माघ सुदी तेरस ने जी
मात पिता मन हर्षाया
सखीया मंगला गाया जी
सुवास करे गुलाल।
आंगन गूंज रयी किलकार
छायो हिवडे हरख अपार
थाने मै ध्यावा जी मै ध्यावा।।









सतयुग में थे स्वर्ग बनायो
देव आसरो पायो जी
देवादल आनंद उर छायो
गुण थारो जद गायो जी
सुन्दर रचना करी सकार
वास्तु रचना करी अपार
थारो गुडा मालानी दरबार
थाने मै ध्यावा जी मै ध्यावा।।


त्रेतायुग मे लंका बनायी
वैभव जग में पायो जी
कार सोवनी ईट लगाई
कंचन हेम लगायो जी
दीनो रावण ने अधिकार
थाको लंका रे दरबार
आवो सायेला दरबार
थाने मै ध्यावा जी मै ध्यावा।।


द्वापरयुग मे द्वारिका बनायी
कृष्ण जी रे मन भायी जी
दावु द्वारिका घणी सरायी
यादव वास बसायो जी
थे हो इनरा रचनाकार
बनायी सागर री किनार
दर्शन आवे नर नार
थाने मै ध्यावा जी मै ध्यावा।।


इन्द्रप्रस्थ ने आप बनाया
सुदामा पूरी बनायी जी
दुख दलिन्दर आप मिटाया
लीला अजब रचायी जी
ईलाचल दरबार कर रया
सुर नर मुनी जयकार
वंदन करता बारम्बार
थाने मै ध्यावा जी मै ध्यावा।।


जो जन कोई निर्माण करावे
सबसे पहले मनावा जी
सुख समृद्धि सो नर पावे
वास्तु दोष मिटावे जी
श्याम करे अरदास
थाने सिवरे बारम्बार
करजो भगता रो बेडो पार
थाने मै ध्यावा जी मै ध्यावा।।


विश्वकर्मां महाराज म्हारा
सारो सगला काज
आवो आंगनीया मे आज
थाने मै ध्यावा जी मै ध्यावा।।
गायक श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक मनीष सीरवी।
रायपुर जिला पाली राजस्थान
9640557818










vishwakarma maharaj mhara saro sagla kaj lyrics