वीर शिरोमणि दुर्गादास राठौड़ राजस्थानी कथा लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










वीर शिरोमणि दुर्गादास राठौड़ कथा
दोहा आस करण करणोत सुत
निज कुल भान ऊजास
भंवर हुवो एडो नही
वाह वाह दुर्गादास।


भाले पर आभो राखनीयो ओ हो
भालो पर आभो राखनीयो
वो दुर्गादास राठौड कठे
वो वीरा रो सिरमौर कठे
वो बडबांको बेजोड़ कठे
वो दुर्गादास राठौड़ कठे
वैर्या री नींद उडावनीयो ओ हो
वैर्या री नींद उडावनीयो
वो रणबंको राठौड़ कठे
वो वीरा रो सिरमौर कठे
वो बडबांको बेजोड़ कठे
वो दुर्गादास राठौड़ कठे।।


जिनरे घोडे री टापा सुन
जिन घोडे री टापा सुन
वैर्या री भोम खिसक जाती
दुश्मन घर सापो पड जातो ओ हो
दुश्मन घर सापो पड जातो
जबरा री नींद उचक जाती
पुरबो जद बागा जातो हो
पुरबो जद बागा जातो हो
तो दिल्ली थरका खावे ही
औरंग रो अमल उतर जातो
शाही फौजा घबरावे ही
अब कठे वीर वो रणरातो ओ हो
अब कठेे वीर वो रणरातो
घोडे रा बाजता पोढ कठे
वो वीरा रो सिरमौर कठे
वो बडबांको बेजोड़ कठे
वो दुर्गादास राठौड़ कठे।।









औरंगा फरमान सुनाया के
औरंगा फरमान सुनाया के
इतलावो राजकुमारा ने
के शाही हर माई रेसी
के शाही हर माई रेसी
ओ हुक्म हुवो सिरदारा ने
औरंग री टेडी चाला सु ओ हो
औरंग री टेडी चाला सु
पण दुर्गो रणचन घबरायो ओ हो
जसवंत रा राजकुमारा ने
वैर्या ने सेज बचा लायो
वो रांगड साचो शूरवीर
वो रांगड साचो शूरवीर
अब उनरो कोई तोड़ कठे
वो वीरा रो सिरमौर कठे
वो बडबांको बेजोड़ कठे
वो दुर्गादास राठौड़ कठे।।


औरंग रा पोता पोती ने
औरंग रा पोता पोती ने
तालीम धिन री दिरवाई
अकबर री सहाय करी हरदम
अकबर री सहाय करी हरदम
मन कदेनी लायो निवलाई
ओ नेम धर्म सतवादी
नेम धर्म सतवादी
वो स्वामी भगत खराको ओ
इन सुदी बात सवाई रे
वो शूरवीर बडबांको हो
अब कठे रयी वो तरनाई
अब कठे रयी तरनाई
बाबा की मूंछ मरोड़ कठे
वो वीरा रो सिरमौर कठे
वो बडबांको बेजोड़ कठे
वो दुर्गादास राठौड़ कठे।।


जद मरूधर राजघराने पर
जद मरूधर राजघराने पर
आफत री आंधी आयी है
जद सूर्यवंश रा सूरज पर
जद सूर्यवंश रा सूरज पर
घनघोर घटा वा छाई ही
उन मारवाड़ रा वंशज ने
उन मारवाड़ रा वंशज ने
नी फसन दीयो घाता मे
सब राज काज री बागडोर सौपी
अजीत रा हाथा मे
अब कठे बसी स्वामी भक्ति
अब कठे बसी स्वामी भक्ति
अब उनरी कोई जोड़ कठे
वो वीरा रो सिरमौर कठे
वो बडबांको बेजोड़ कठे
वो दुर्गादास राठौड़ कठे।।


आ घर खुशहाल नही होती
आ घर खुशहाल नही होती
खुलो आकाश नही होतो
इतिहास दूसरो ही होतो
इतिहास दूसरो ही होतो
जै दुर्गादास नही होतो
बन राजा जोगी अग नर जल
बन राजा जोगी अग नर जल
ए उंदी पाले प्रीत नही
तो दुर्गो सबरा दाग गयो
इन घर री आयी रित रही
अलख दी वा है जगर मगर
अलख दी वा है जगर मगर
तो सूरज री ओड कठे
वो वीरा रो सिरमौर कठे
वो बडबांको बेजोड़ कठे
वो दुर्गादास राठौड़ कठे।।


दोहा ऊजल खत ऊजल वसल
ऊजल चरती ऊजाल
रयो उमर भर ऊजलों
वाह वाह दुर्गादास।


ओ आस करण रो लाडोसर
ओ आस करण रो लाडोसर
ओ साम धर्म रो प्रतिपालो
ओ मरूधर रो साचो सेवक
मरूधर रो साचो सेवक
ओ मारवाड़ रो रखवालो
जिनरे जसरा सुमन रणीया खरे
जसरा सुमन रणीया खरे
मंडीयोडा इतिहासा मे
जिनरी किरत के कवि सरा
इन धाते है आकाश मे
आवो वीरत ने निवन करा
आवो वीरत ने निवन करा
फिर आसी ओ मोड कठे
वो वीरा रो सिरमौर कठे
वो बडबांको बेजोड़ कठे
वो दुर्गादास राठौड़ कठे।।


आ मारवाड़ मरूधर माटी
आ मारवाड़ मरूधर माटी
शूरा वीरा री जामण है
जिन दुर्गा जेडा पूत जण्या
जिन दुर्गा जेडा पूत जण्या
आ वा धरती बडबागन है
तो हाथ जोड आ विनती है
किरतार कृपा इतरी करदी जे
जे फेर जन्म लो धरती पर
तो मरूधर री माटी लिजे
जो मारवाड़ री होड करे
जो मारवाड़ री होड़ करे
स्वर्गाे मे एडी ठोर कठे
वो वीरा रो सिरमौर कठे
वो बडबांको बेजोड़ कठे
वो दुर्गादास राठौड़ कठे।।
गायक श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक मनीष सीरवी।
रायपुर जिला पाली राजस्थान
9640557818










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