वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी राजस्थानी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी
भवजल डूबत तारियो रे
म्हारा सतगुरु लियो रे उबारी
आप नी वेता जगत में तो
कुण करता म्हारी सहाई
वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी।।


असंग जुगा रो सुतो म्हारो हंसलो
सतगुरु रे दियो रे जगाय
शबद री सिसकारी
हां रे शबद री सिसकारी
वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी।।


जम सु झगड़ा जितिया रे
इण भव सागर या रे माए
भयो आनंद भारी
हां रे भयो आनंद भारी
वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी।।


गुरु बिन अँधा जाणिये रे
नहीं है आतम ज्ञान
जगत पच पच हारी
हां रे जगत पच पच हारी
वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी।।









फूलगिरि जी री विनती रे
एक दुर्बल करे है पुकार
अरज अब सुण म्हारी
हां रे अरज अब सुण म्हारी
वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी।।


वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी
भवजल डूबत तारियो रे
म्हारा सतगुरु लियो रे उबारी
आप नी वेता जगत में तो
कुण करता म्हारी सहाई
वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी।।





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