उसको मेरी सेवा का अधिकार है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
उसको मेरी सेवा का अधिकार है
करता जो अपनी माँ से प्यार है
उसको ही मिलता ये दरबार है
करता जो अपनी माँ से प्यार है।।
तर्ज साजन मेरा उस पार है।
मुझको तो छप्पन भोग लगाते हो
माँ को एक रोटी को तरसाते हो
ऐसे बेटे को तो धिक्कार है
करता ना अपनी माँ से प्यार है
उसको मेरी सेवा का अधिकार हैं
करता जो अपनी माँ से प्यार है।।
मेरा दरबार बड़ा ही सजाते हो
माँ को एक कमरा ना दे पाते हो
उसका तो जीवन ही बेकार है
करता ना अपनी माँ से प्यार है
उसको मेरी सेवा का अधिकार हैं
करता जो अपनी माँ से प्यार है।।
मुझको तो अपने घर में लाते हो
माँ को वृद्धाश्रम में छोड़ आते हो
ऐसा घर मुझको ना स्वीकार है
करता ना अपनी माँ से प्यार है
उसको मेरी सेवा का अधिकार हैं
करता जो अपनी माँ से प्यार है।।
दर्शन को तेरे माँ ये तरसी है
आजा मिलने को तुझपे मरती है
तेरे आने के ना आसार है
फिर भी क्यों तेरा इंतजार है
बेशक तू मेरा गुनहगार है
फिर भी मुझको तो तुझसे प्यार है
फिर भी मुझको तो तुझसे प्यार है।।
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usko meri sewa ka adhikar hai lyrics