उलझ मत दिल बहारों में बहारों का भरोसा क्या लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










उलझ मत दिल बहारों में
बहारों का भरोसा क्या
बहारों का भरोसा क्या
बहारों का भरोसा क्या
सहारे छुट जाते है
सहारो का भरोसा क्या
उलझ मत दिल बहारो में
बहारों का भरोसा क्या।।
तर्ज हमें निज धर्म पर चलना।


तमन्नाएं जो तेरी है
फुहारें है वो सावन की
फुहारें सुख जाती है
फुहारों का भरोसा क्या
उलझ मत दिल बहारो में
बहारों का भरोसा क्या।।


इन्ही रंगीन गुब्बारो पर
अरे दिल क्यों फ़िदा होता
गुब्बारे फुट जाते है
गुब्बारो का भरोसा क्या
उलझ मत दिल बहारो में
बहारों का भरोसा क्या।।









तू सम्बल का नाम लेकर
किनारों से किनारा कर
किनारे टूट जाते है
किनारों का भरोसा क्या
उलझ मत दिल बहारो में
बहारों का भरोसा क्या।।


अगर विश्वाश करना है
तो कर दुनिया के मालिक पर
कहाँ कब मन बिगड़ जाए
विकारों का भरोसा क्या
उलझ मत दिल बहारो में
बहारों का भरोसा क्या।।



पथिक तू अक्लमंदी पर
विचारों पर ना इतराना
जो लहरों की तरह चंचल
विचारों का भरोसा क्या
उलझ मत दिल बहारो में
बहारों का भरोसा क्या।।


उलझ मत दिल बहारों में
बहारों का भरोसा क्या
बहारों का भरोसा क्या
बहारों का भरोसा क्या
सहारे छुट जाते है
सहारो का भरोसा क्या
उलझ मत दिल बहारो में
बहारों का भरोसा क्या।।
स्वर पूज्य राजन जी महाराज।










ulajh mat dil baharon mein lyrics