उज्जैनी में बाबा ने ऐसा डमरू बजाया भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










उज्जैनी में बाबा ने ऐसा
डमरू बजाया
मैं सुध बुध भूल आया
कितना प्यारा उज्जैनी
यहां दरबार सजाया
मैं सुध बुध भूल आया।।
तर्ज जो बीच बजरिया तूने।


सुनाने को बाबा मैं
ऐसा सुनाऊंगा
भजनों से भोले मैं जो
तुमको रिझाऊंगा
डमरू की धुन में
बाबा ऐसा नाद बजाया
मैं सुध बुध भूल आया।
उज्जैनी मे बाबा ने ऐसा
डमरू बजाया
मैं सुध बुध भूल आया।।


करूंगा मैं सेवा तेरी
चरण पखारूंगा
नैनो से भोले मैं हाँ
तुमको निहारूंगा
दीपक दास ने
महाकाल तुम्हारा
ही गुण गाया
मैं सुध बुध भूल आया।
उज्जैनी मे बाबा ने ऐसा
डमरू बजाया
मैं सुध बुध भूल आया।।









उज्जैनी में बाबा ने ऐसा
डमरू बजाया
मैं सुध बुध भूल आया
कितना प्यारा उज्जैनी
यहां दरबार सजाया
मैं सुध बुध भूल आया।।

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ujjaini me baba ne aisa damru bajaya lyrics