उज्जैन की पावन भूमि को मेरा प्रणाम लिरिक्स - Ujjain Ki Pawan Bhumi Lyrics










उज्जैन की पावन भूमि
दोहा इतना दिया महाकाल ने मुझे
जितनी मेरी औकात नही
ये तो कर्म है महाकाल का
मुझमे तो कोई बात नही।


उज्जैन की पावन भूमि
को मेरा प्रणाम
महाकाल तेरी
नगरी को मेरा प्रणाम।
जय जय महाकाल
जय जय महाकाल।।
तर्ज सोलह बरस की।









उज्जैन नगरी मेरे
दिल में उतर गई
माटी लगा ली सर पे
किस्मत संवर गई
ओ मिट्ठी उठा ली राख से
और दिल बना दिया
इस पागल को भी बाबा
तूने काबिल बना दिया
उज्जैन नगरी मेरे
दिल में उतर गई
माटी लगा ली सर पे
किस्मत संवर गई
झोली थी खाली मेरी
झोली ये भर गई
महाकाल महाराज
ओ प्राणो के प्राण
महाकाल तेरी
नगरी को मेरा प्रणाम।
जय जय महाकाल
जय जय महाकाल।।


कुम्भ का लगता मेला
वो बारह साल में
अमृत की बहती धारा
क्षिप्रा की धार में
चिंतामन चिंता हरे
और क्षिप्रा करे निहाल
दया करे माँ हरसिद्धि
और रक्षा करे महाकाल
कुम्भ का लगता मेला
वो बारह साल में
अमृत की बहती धारा
क्षिप्रा की धार में
श्रद्धा सबुरी भर लो
जीवन की नाव में


महाकाल महाराज
ओ प्राणो के प्राण
महाकाल तेरी
नगरी को मेरा प्रणाम।
जय जय महाकाल
जय जय महाकाल।।


उज्जैन की पावन भूमि
को मेरा प्रणाम
महाकाल तेरी
नगरी को मेरा प्रणाम।
जय जय महाकाल
जय जय महाकाल।।













ujjain ki pawan bhumi ko mera pranam lyrics