अरे उड़तो उड़तो जा रे कबुतर जिन्दधणया के द्वार - MadhurBhajans मधुर भजन










अरे उड़तो उड़तो जा रे कबुतर
जिन्दधणया के द्वार
कागज में बातां लिख दी रे
तू तो दिज्ये रे धणियां ने जार।।


बावड़ियां में बेट्यो रे बाबो
बावड़ियां में बेट्यो रे बाबो
बाबां को सरदार
अरे गेला में तू तो मत रुक ज्ये
कोई दिज्ये रे धणियां ने जार
अरे गेला में तू तो मत रुक ज्ये
कोई दिज्ये रे धणियां ने जार।।


जिन्दधणीया को हिरदा माई
जिन्दधणीया को हिरदा माई
राकुं छुं विश्वास बीरा मारा
राकुं छुं विश्वास
कागज़ की बातां पढ़ लेगो री
कोई इक री पलक में आर।।


ऊँचा ऊँचा महल बण्या छः
उंडी सोना की खान
ऊँचा ऊँचा महल बण्या छः
ऊँची सोना की खान
बातां को कोई पार तो कोनी
कोई लीला बड़ी छः र अपार।।









चेतन सैनी गावे भजन ने
चेतन सैनी गावे भजन ने
मन से प्रेम लगार
कागज में बातां लिख दी रे
तू तो दिज्ये रे धणियां ने जार।।


अरे उड़तो उड़तो जा रे कबुतर
जिन्दधणया के द्वार
कागज में बातां लिख दी रे
तू तो दिज्ये रे धणियां ने जार।।
प्रेषक रामस्वरूप लववंशी।
ग्राम सालरखोह हरनावदा शाहजी
8107512367










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