तूने सिर पे धरा जो मेरे हाथ के अब तेरा साथ नहीं छूटे लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










तूने सिर पे धरा जो मेरे हाथ
के अब तेरा साथ नहीं छूटे
मेरा तुम पे रहे विश्वास
के अब तेरा साथ नहीं छूटे
तूने सर पे धरा जो मेरे हाथ
के अब तेरा साथ नहीं छूटे।।
तर्ज हम भूल गए रे हर बात।


इक दौर था वो जीवन का मेरे
जब अपने किनारा कर बैठे
कांधा भी ना था रोने को कोई
देखे हैं समय ऐसे ऐसे
फिर तुमसे हुई मुलाकात
के अब तेरा साथ नहीं छूटे
मेरा तुम पे रहे विश्वास
के अब तेरा साथ नहीं छूटे
तूने सर पे धरा जो मेरे हाथ
के अब तेरा साथ नहीं छूटे।।


तूफानों में कश्ती थी मेरी
कहीं कोई किनारा ना सूझा
फिर किसने निकाला तूफां से
इक इक ने बाद में ये पूछा
मैंने ले लिया तेरा नाम
के अब तेरा साथ नहीं छूटे
मेरा तुम पे रहे विश्वास
के अब तेरा साथ नहीं छूटे
तूने सर पे धरा जो मेरे हाथ
के अब तेरा साथ नहीं छूटे।।









अब तो बस एक तमन्ना है
तेरे चरणों का मैं दास बनूँ
नहीं चिंता कोई फ़िक्र हो मुझे
हरी तेरी शरण में सदा रहूं
रहे कृपा की बरसात
के अब तेरा साथ नहीं छूटे
मेरा तुम पे रहे विश्वास
के अब तेरा साथ नहीं छूटे
तूने सर पे धरा जो मेरे हाथ
के अब तेरा साथ नहीं छूटे।।


तूने सिर पे धरा जो मेरे हाथ
के अब तेरा साथ नहीं छूटे
मेरा तुम पे रहे विश्वास
के अब तेरा साथ नहीं छूटे
तूने सर पे धरा जो मेरे हाथ
के अब तेरा साथ नहीं छूटे।।












tune sir pe dhara jo mere hath ki ab tera sath nahi chute lyrics