तुम ही मेरे सतगुरु तुम ही मेरे साहिब भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










तुम ही मेरे सतगुरु
तुम ही मेरे साहिब
तुम ही दीनानाथ हो
तुम ही दीनानाथ हो।।
तर्ज तुम्ही मेरे मंदिर।


बिना तेरे दुनिया में
कोई नहीं मेरा
तेरे ही चरणों में
लगा लिया डेरा
जिधर देखती हूँ
उधर तू ही तू है
हम दुखियों की
पुकार यही है
तुम्ही मेरे सतगुरु
तुम ही मेरे साहिब
तुम ही दीनानाथ हो
तुम ही दीनानाथ हो।।


किसके द्वार प्रभु
रोऊँ दुःख अपना
तेरे बिना ये दुनिया
दिखे एक सपना
नाव पुरानी मेरी
नदिया है गहरी
आकर दिखा दो
किनारा कहाँ है
तुम्ही मेरे सतगुरु
तुम ही मेरे साहिब
तुम ही दीनानाथ हो
तुम ही दीनानाथ हो।।









भले बुरे है तेरे
दर के भिखारी
कितनो की पहले तूने
बिगड़ी सँवारी
अब मेरी बार क्यों
है देरी लगाई
मुझको ना सूझे
मैं क्या हूँ कहाँ हूँ
तुम्ही मेरे सतगुरु
तुम ही मेरे साहिब
तुम ही दीनानाथ हो
तुम ही दीनानाथ हो।।


आ कर के दर्श
दिखा जाओ प्यारे
हरिहरानंद जी के
प्राण अधारे
दीप्तानंद गुरु
दासी के रक्षक
बिना तेरे दुनिया में
कोई नहीं है
तुम्ही मेरे सतगुरु
तुम ही मेरे साहिब
तुम ही दीनानाथ हो
तुम ही दीनानाथ हो।।


तुम ही मेरे सतगुरु
तुम ही मेरे साहिब
तुम ही दीनानाथ हो
तुम ही दीनानाथ हो।।













tumhi mere satguru tumhi mere sahib lyrics