तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना
हे बुद्धि के दाता
सब वेदों के ज्ञाता
तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना।।
एक दंत दयावंत
चार भुजा धारी
माथे पे सिंदूर सोहे
मूसे की सवारी
मैया तुम्हे बुलाए
गोरा तुम्हे बुलाए
कह कह के ललना
तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना।।
पान चढ़े फूल चढ़े
और चढ़े मेवा
लड्डअन का भोग लगे
संत करें सेवा
भोले बाबा तुम्हें झुलावे
शंकर बाबा तुम्हें झुलावे
रेशम के पलना
तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना।।
अंधन को आंख देत
कोडिन को काया
बांझन को पुत्र देत
निर्धन को माया
भक्तों की विनती को
दीनों की विनती को
अब गणपति जी सुनना
तुम्हें वंदना है तुम्हें वंदना।।
तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना
हे बुद्धि के दाता
सब वेदों के ज्ञाता
तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना।।
स्वर श्री देवकीनंदन ठाकुर जी।
प्रेषक ऋषि विजयवर्गीय।
7000073009
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