तुम्हे प्रीत मेरी निभानी पड़ेगी श्याम भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
तुम्हे प्रीत मेरी निभानी पड़ेगी
मुझे श्याम अपना बनाकर तो देखो
बिछा दूंगा पलके राहों में तेरी
कभी मेरी कुटिया में आकर तो देखो।।
तर्ज तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी।
ये दहलीज घर की तुम्हे ही पुकारे
आजा कन्हैया गरीबों के द्वारे
भला हूँ बुरा हूँ मैं जैसा तुम्हारा
मेरी गलतियों को छुपाकर तो देखो
कभी मेरी कुटिया में आकर तो देखो।।
मैं नरसी नहीं हूँ नहीं मैं सुदामा
मगर श्याम तुमको पड़ेगा निभाना
तुम्हारे चरण में पड़ा हूँ मैं दाता
ज़रा अपनी नजरे झुकाकर तो देखो
कभी मेरी कुटिया में आकर तो देखो।।
ये किस बात की तुम सजा दे रहे हो
खाटू में बैठे मजा ले रहे हो
भुला ना सकोगे हमें श्याम सुन्दर
नहीं जो यकीं तो भूलाकर तो देखो
कभी मेरी कुटिया में आकर तो देखो।।
मेरा जिस्म जान अब अमानत है तेरी
मैं तेरा रहूँगा ये जमानत है मेरी
अगर जान मांगो तो अभी जान दे दूँ
कभी नरसी को आजमाकर तो देखो
कभी मेरी कुटिया में आकर तो देखो।।
तुम्हे प्रीत मेरी निभानी पड़ेगी
मुझे श्याम अपना बनाकर तो देखो
बिछा दूंगा पलके राहों में तेरी
कभी मेरी कुटिया में आकर तो देखो।।
स्वर मुकेश बागड़ा जी।
लेखक नरेश नरसी जी।
tumhe preet meri nibhani padegi lyrics