तुम्हे कोई जग में हरा ना सकेगा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










तुम्हे कोई जग में हरा ना सकेगा
शरण सांवरे की तुम आकर तो देखो
झुकेगा तुम्हारे ही आगे ज़माना
कभी खाटू में सर झुका कर तो देखो
तुम्हे कोईं जग में हरा ना सकेगा।।
तर्ज तुम्हे दिल्लगी भूल जानी।


किसी चीज़ की फिर कमी ना रहेगी
जो आँखों में है वो नमी ना रहेगी
छलकने दो पलकें ज़रा हल्के हल्के
छलकने दो पलकें ज़रा हल्के हल्के
यहाँ चार आँसू बहाकर तो देखो
तुम्हे कोईं जग में हरा ना सकेगा
शरण सांवरे की तुम आकर तो देखो।।


कभी थाम कर इसके मंदिर की जाली
ये ज़िद ठान लो के ना जाएँगे खाली
ना आ जाए प्यारा तो कहना ओ प्यारों
ना आ जाए प्यारा तो कहना ओ प्यारों
सुदामा के जैसे बुलाकर तो देखो
तुम्हे कोईं जग में हरा ना सकेगा
शरण सांवरे की तुम आकर तो देखो।।









ना कुछ और माँगे कभी खाटू वाला
ज़रा प्रेम और एक गुलाबों की माला
महकने लगेगी ये जीवन की बगियाँ
महकने लगेगी ये जीवन की बगियाँ
यहाँ इत्र तोड़ा चढ़ा कर तो देखो
तुम्हे कोईं जग में हरा ना सकेगा
शरण सांवरे की तुम आकर तो देखो।।


तुम्हे कोई जग में हरा ना सकेगा
शरण सांवरे की तुम आकर तो देखो
झुकेगा तुम्हारे ही आगे ज़माना
कभी खाटू में सर झुका कर तो देखो
तुम्हे कोईं जग में हरा ना सकेगा।।
स्वर राम शंकर जी।










tumhe koi jag me hara na sakega lyrics