तुम्हारी फितरत है श्याम ऐसी की दीन दुर्बल के काम आना - MadhurBhajans मधुर भजन










तुम्हारी फितरत है श्याम ऐसी
की दीन दुर्बल के काम आना
दुःखों से लड़कर जो गिर पड़े है
सहारा देकर उन्हें उठाना
तुम्हारी फितरत हैं श्याम ऐसी
की दीन दुर्बल के काम आना।।
तर्ज तुम्हारी नज़रों ने।


कभी ना सुख की ही सांस ली है
दबे रहे जो गमो के नीचे
तुम ऐसे होठो को फिर ख़ुशी दो
जो भूल बैठे है मुस्कुराना
तुम्हारी फितरत हैं श्याम ऐसी
की दीन दुर्बल के काम आना।।


पढ़े है मंदिर शिवालय सूने
बसे हो तुम बेकसों के दिल में
किसी किसी को ही बस खबर है
जहाँ तुम्हारा है ये ठिकाना
तुम्हारी फितरत हैं श्याम ऐसी
की दीन दुर्बल के काम आना।।









हो लाख दुश्मन ये वक़्त उसका
या गर्दिशो के पहाड़ टूटे
तू खुद ही जिसकी करे हिफाजत
नहीं है मुमकीन उसे मिटाना


तुम्हारी फितरत हैं श्याम ऐसी
की दीन दुर्बल के काम आना।।


तुम्हारी फितरत है श्याम ऐसी
की दीन दुर्बल के काम आना
दुखो से लड़कर जो गिर पड़े है
सहारा देकर उन्हें उठाना
तुम्हारी फितरत हैं श्याम ऐसी
की दीन दुर्बल के काम आना।।













tumhari fitrat hai shyam aisi bhajan lyrics