तुम दिखते नहीं हो फिर भी हरि एहसास तुम्हारा होता है - MadhurBhajans मधुर भजन
तुम दिखते नहीं हो फिर भी हरि
एहसास तुम्हारा होता है
अहसास को कायम रखने से
विश्वास तुम्हारा होता है।।
तर्ज दिल लुटने वाले।
संतो से सुना ग्रंथों में पढ़ा
कण कण में तुम ही रहते हो
यदि ध्यान से देखो तो हर कण में
परकाश तुम्हारा होता है।
अहसास को कायम रखने से
विश्वास तुम्हारा होता है।।
मुश्किलों में कठिनाइयों में
कोई राह निकल कर आती है
और कोई ना होता वहा
हर श्वास तुम्हारा होता है।
अहसास को कायम रखने से
विश्वास तुम्हारा होता है।।
निराकार से साकार बने
जन जन का कल्याण करते है
अवतार लेने के पीछे भी
कोई दास तुम्हारा होता है।
अहसास को कायम रखने से
विश्वास तुम्हारा होता है।।
मन्दिरों में मूरत बनकर तुम
खडे इसलिए रहतै हो
कि उठने में भी देरी ना हो
जब खास तुम्हारा होता है।
अहसास को कायम रखने से
विश्वास तुम्हारा होता है।।
तुम दिखते नहीं हो फिर भी हरि
एहसास तुम्हारा होता है
अहसास को कायम रखने से
विश्वास तुम्हारा होता है।।
प्रेषक आशुतोष त्रिवेदी
7869697758
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tum dikhte nahi ho fir bhi hari ehsas tumhara hota hai lyrics