तुम अपनी दया का सर पे मेरे हाथ धरो माँ भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










तुम अपनी दया का सर पे
मेरे हाथ धरो माँ
हम बच्चो पे किरपा की
बरसात करो माँ
बरसात करो माँ
माँ अंबे रानी हे जग कल्याणी
माँ अंबे रानी हे जग कल्याणी।।
तर्ज करती हूँ तुम्हारा व्रत।


तुमसे मिलने तेरे मन्दिर
हम रोज है आते
जोड़ा जो तुझसे रिश्ता
उसको निभाते है
एक बार मेरे घर आकर
मुलाकात करो माँ
हम बच्चो पे किरपा की
बरसात करो माँ
बरसात करो माँ
माँ अंबे रानी हे जग कल्याणी
माँ अंबे रानी हे जग कल्याणी।।


है जन्मो से प्यासी अंखियां
तेरे दीदार को
दिल तड़प रहा है पाने को
माँ तेरे प्यार को
जी भर के देखू तुमको
करामात करो माँ
हम बच्चो पे किरपा की
बरसात करो माँ
बरसात करो माँ
माँ अंबे रानी हे जग कल्याणी
माँ अंबे रानी हे जग कल्याणी।।









कब तक पत्थर दिल बनके
माँ चुपचाप रहोगी
कब प्यार से बेटा अपना
कुंदन को कहोगी
जीवन में मेरे खुशियों का
सौगात भरो माँ
हम बच्चो पे किरपा की
बरसात करो माँ
बरसात करो माँ
माँ अंबे रानी हे जग कल्याणी
माँ अंबे रानी हे जग कल्याणी।।


तुम अपनी दया का सर पे
मेरे हाथ धरो माँ
हम बच्चो पे किरपा की
बरसात करो माँ
बरसात करो माँ
माँ अंबे रानी हे जग कल्याणी
माँ अंबे रानी हे जग कल्याणी।।














tum apni daya ka sar pe mere hath dharo maa lyrics