तू ना जा मेरे रघुराई श्री राम भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
राजा दशरथ ने
व्याकुल हो के
यह आवाज़ लगाई
तू ना जा मेरे रघुराई
तू ना जा मेरे रघुराईं
लो वन को चले हैं रघुराई
राजा दशरथ ने।।
केकई ने कैसा वर मांगा
टूटे हैं सपने सारे
राजतिलक था होने वाला
होनी को कौन है टालें
श्राप श्रवण के मातापिता का
आज बना है दुखदाई
लो वन को चले हैं रघुराई
राजा दशरथ ने।।
राम बिना मेरी सूनी अयोध्या
कैसे अब मैं जियूँगा
लक्ष्मण बिन मेरा दिल लगेगा
कैसे जुदाई सहूंगा
साथ सीता भी
वन को चली है
अखियां भर भर आई
लो वन को चले हैं रघुराई
राजा दशरथ ने।।
राजा दशरथ ने
व्याकुल हो के
यह आवाज़ लगाई
तू ना जा मेरे रघुराई
तू ना जा मेरे रघुराईं
लो वन को चले हैं रघुराई
राजा दशरथ ने।।
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tu na ja mere raghurai lyrics