थोड़ा थोड़ा हरि का भजन करले चेतावनी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
थोड़ा थोड़ा हरि का
भजन करले।
दोहा पहलो नाम प्रमेश रो
जिण जगत रचियो जोय
नर मूर्ख समझे नहीं
हरि करे सो होय।
हे नारायण हूँ तुझे नमो
इन कारण हरि आज
जिण दिन ओ जगत छोडणो
प्रभु तिण दिन तोसे काज।
आभे चूकिया माणसा
हे धर झेलण हार
वे धरणी धर धर पौढ़ता प्रभु
एक तेरो आधार।
अवध नीर तन अंजली
टपकत स्वासो ही स्वास
हरि भजन बिना जात रहयो रे बन्दा
थारो अवसर ईसर दास।
कियो नहीं केदार
प्राग जमुना नहीं पायो
स्वेत बन्द रामेश
भटकतो भौम न आयो।
गया न नायो गंग
दान कुरुक्षेत्र न कीनो
जुहारियो नहीं जगदीश
कर्म भव बंधन कीनो।
तन पायो सुंदर मानव तणो
प्रेम न अंतर पावियो
कवि ईसर कहे रे सुण आत्मा
तू गोविंद गुण ना गावियो।
गर्भ में पौढियो और पौढियो धरा
जननी संग पौढ़ के बाल कहलायो
अरे पौढ़ण लग्यो मोह माया के संग
थे सारी उम्र हँस खेल गमायो।
क्षीरसागर में पौढ़णहार
जिनको धर ध्यान कबहु नहीं धायो
पौढ़त पौढ़त पौढ़ लियो रे बन्दा अरे चेत
चिता पर पौढ़ण रो दिन आयो।
नाम के प्रताप वाल्मीकि आदि ऋषि भये
नाम के प्रताप नंद कृष्ण पुत्र पायो हैं
नाम के प्रताप पत राखी प्रह्लाद जी की
नाम के प्रताप चीर बेहद बढ़ायो हैं।
नाम के प्रताप अजामिल ने उद्धार किया
नाम के प्रताप वास बैकुंठ वसायो हैं
वोही नाम रटले रे बन्दा तू सुबह शाम
वेद में भी तत्व रूप हरि नाम को बतायो हैं।
छोटी सी उम्र हैं ज्यामे
अल्प अवधि ज्यामे
भरम को जंजाल बहुत
करने को बहुत कुछ
कहा कहा कीजिये।
पार ना पुराण इको
वेद उको अंत नाही
बाणी तो अनेक चित
कहाँ कहाँ दीजिये।
काव्य की कला अनंत
छंद को प्रबन्ध बहुत
वाणी तो अनेक
राग तो रसीली रस
कहाँ कहाँ पीजिये।
सौ बातों री बात एक
अरे तुलसी यू पुकारे जात
जन्म सुधारणो हैं तो
राम राम कीजिये।
थोड़ा थोड़ा हरि का
भजन करले
तिरणे का कोई तो
जतन करले रे बन्दा
थोडा थोडा हरि का
भजन करले।।
भक्ति करेगा तेरा
जीव सुख पायेगा
भक्ति से आत्मा का
बोझ घट जायेगा
आत्मा के साथ
शुध्द मन करले
थोडा थोडा हरि का
भजन करले।।
सन्तों की जग में
यही हैं निशानी
सत वचन बोलो
अमृत वाणी
क्रोध तेरा काया में
दफन करले
थोडा थोडा हरि का
भजन करले।।
सत्संग कीजे
सत लोगों की
यही हैं दवाई प्यारे
सब रोगों की
जिंदगी तू अपनी
चमन करले
थोडा थोडा हरि का
भजन करले।।
आज नहीं चेतेगा तो
कल पछतायेगा
गया वक्त फिर
हाथ नहीं आयेगा
कहे ताराचंद सत्संग को
नमन करले
कहे ताराचंद गुरुदेव को
नमन करले
थोडा थोडा हरि का
भजन करले।।
एक विश्वास खाली
खोये न खलक बीच
कीचड़ कलंक अंक
धोयले थू धोयले।
पूरी अंधियारो पाप
पुन्य से भरिये देह
ज्ञान की धारा में चित
जोयले थू जोयले।
मानव की देह ये तो
फेर न मिलेगी भाई
कर्म प्रभु को प्यारो
होयले थू होयले।
क्षण भंग देह ज्यामे
जन्म सुधार देखो
बीच के झरोखे मोती
पोयले थू पोयले।।
थोड़ा थोड़ा हरि का
भजन करले
तिरणे का कोई तो
जतन करले रे बन्दा
थोड़ा थोडा हरि का
भजन करले।।
स्वर श्री प्रेमदान जी चारण।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052
thoda thoda hari ka bhajan karle lyrics