थे साँचा किशन मुरार सिरजन हार पीरजी उतारो म्हाने पेले पार - MadhurBhajans मधुर भजन










थे साँचा किशन मुरार सिरजन हार
दोहा हरजी कह हजूर ने
सुणो नाथ निज भेण
परालब्ध प्रभु मिले
सतगुरु आदु सेण।
बड़ बगलों सू बिगड़े
बांदर से बन राय
हरजी कह घर कुसंगत बिगड़े
भौम कपूता जाय।
चुगली गारा चोरटा
करनी गारा कपूत
हरजी के हर नाम बिना
होवे जंगल का भूत।
चुगली गारा मत मरो
थां बिना चुगली करसी कूण
आपो आप गळ जावसी
ज्यूँ पाणी में लूण।


थे साँचा किशन मुरार सिरजन हार
पीरजी उतारो म्हाने पेले पार जी।।


जती सती में रामदेजी राजा रे
किशन कला में हो किरतार हे।।









सत्यवादियों रा बाबा कौल राखिया
बाचा दिया म्हाने किशन मुराड़ हे।।


देव कला में बाबो डाणु ने दलियो
उजड़ भौम बसाई रे बाजार हे।।


लीले चढ़िया आप रामदे
सुख पावे रे सगळो संसार हे।।


माही रे भादवे मेळो रे भरीजै
दिसू ग्यारस भारो भार हे।।


दूरा देशा रा आवे थोरे जातरू
सिंवरे जको री बाबा करजो सहाय हे।।


तीन लोक में तंवर तापिया
आलम देव बड़ो दातार हे।।


सवाई जी कह म्हारो सुकृत शब्दों
हक रो बिणज करो व्योपार हे।।


थे साचा किशन मुरार सिरजन हार
पीरजी उतारो म्हाने पेले पार जी।।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052










the sancha kishan murar sirjanhar lyrics