थारी मुरली में मेरो मन लागो कान्हा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










थारी मुरली में
मेरो मन लागो कान्हा।
दोहा मुरली वाले सावरा
थारी मुरली नैक बजाव
इण मुरली म्हारो मन बसियो
कान्हा एकर और बजाव।


ओ थारी मुरली में
ओ इण मुरली में
मेरो मन लागो कान्हा
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने।।


इण मुरली मे मीरा बाई मोही
राणा जी छोड कान्हा थारे संग होई
ओ धीरेधीरे मेडतो चिटकायौ कान्हा
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने।।









आ मुरली में रानी रुपा दे जी मोही
सन्मुख रावल माल देख के कोई
ओ थाली माही बाग लगायो कान्हा
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने।।


इण मुरली में रानी द्रोपदी मोही
भरी रे सभा में झुर झुर रोई
ओ तुने आकर के चिर बढायो कान्हा
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने।।


इन मुरली मे कान्हा नानी बाई मोया
सरवर पाल खडी नानी बाई रोया
हो तुने आकर के भात भरायो कान्हा
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने।।


थारी मुरली रे कान्हा नरशी जी ने गाई
छप्पन करोड की है माया रे लुटाई
तुने भक्ता को मान बडायो कान्हा
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने।।


इण मुरली रा सात पैरवा
ब्रम्ह लोक में भई टेर वा
ब्रम्हा को वेद भुलायौ कान्हा
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने।।


झिरमीर झिरमिर मेहुडौ बरसे
धरती रो धन निर्भय डोले
रोम रोम घरणायो कान्हा
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने।।


याद करु जद हिसकी आवे
तुम बिन नैया कौन पार लगावे
मीरा बाई जस थारो गावे कान्हा
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने।।


थारी मुरली में
मेरो मन लागो कान्हा
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने
फेर तो बजा रे थारी मुरली ने।।
गायक हरिओम राजपुरोहित।
919571252528










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