थारे शीश पे मुकुट विराजे जा में मोर पंख है साजे लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










थारे शीश पे मुकुट विराजे
जा में मोर पंख है साजे
खोवे सुधबुध सखियाँ सारी
जद जद मुरली थारी बाजे
नैणा सु बाण चलावे
भक्ता ने नाच नचावे
म्हारो सांवरियो।।
तर्ज टूटे बाजूबंद री लूम।


थारे गल मोतियन की माला
ओ मोहन मुरली वाला
थारा घूंघर वाला बाल
उलझया उलझया काला काला
नैणा सु बाण चलावे
भक्ता ने नाच नचावे
म्हारो सांवरियो।।


बोले बातां प्यारी प्यारी
म्हारो सांवरियो गिरधारी
मधुबन में रास रचावे
नाचे सागे राधा प्यारी
नैणा सु बाण चलावे
भक्ता ने नाच नचावे
म्हारो सांवरियो।।









बांकी चाल चले मस्तानी
आ की भई दुनिया दीवानी
जोगन बन गई मीरा रानी
साँची प्रीत ने पिछाणी
नैणा सु बाण चलावे
भक्ता ने नाच नचावे
म्हारो सांवरियो।।


कदे चीर सभा में बढ़ावे
कदे ले के मायरो आवे
नानी बाई ने चुनरी उढ़ावे
खेती धन्ना की उपजावे
नैणा सु बाण चलावे
भक्ता ने नाच नचावे
म्हारो सांवरियो।।


थारे शीश पे मुकुट विराजे
जा में मोर पंख है साजे
खोवे सुधबुध सखियाँ सारी
जद जद मुरली थारी बाजे
नैणा सु बाण चलावे
भक्ता ने नाच नचावे
म्हारो सांवरियो।।













thare shish pe mukut viraje lyrics