थारे म्हारे प्रेमी की या डोरी नही टूटे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










थारे म्हारे प्रेमी की या
डोरी नही टूटे
म्हारा श्याम धणी
म्हारी सांसा री लड़ी
थारे हाथां में हाथां में
चरणा री चाकरी की
सेवा नहीं छूटे
म्हारा श्याम धणी
म्हारी सांसा री लड़ी
थारे हाथां में हाथां में।।
तर्ज कौन दिशा में।


नैणा रो दिवलो है जलायो
भाव भरी मनुहार जी
हिवड़े माहि थारो रूप समायो
थारी करा जयकार जी
चरण शरण म्हाने दे द्यो बाबा
चरण शरण म्हाने दे द्यो बाबा
विनती बारम्बार है
चाहो जईया राखो
थारो साथ नहीं छूटे
म्हारा श्याम धणी
म्हारी सांसा री लड़ी
थारे हाथां में हाथां में।।


जदस्यु थारे द्वार पे आया
जीवन में आनंद जी
थारी रजा में राजी बाबा
मनडो भी रजामंद जी
मौज उडाऊ मैं थारी दया सु
मौज उडाऊ मैं थारी दया सु
दिल में भरी उमंग जी
बाबा टाबरा सु थारो
कदे हाथ नहीं छुटे
म्हारा श्याम धणी
म्हारी सांसा री लड़ी
थारे हाथां में हाथां में।।









भक्ता की विनती पे ओ बाबा
करल्यो थोड़ो विचार जी
झोली म्हारी खाली पड़ी है
भर द्यो लखदातार जी
चोखानी थारो चाकर बाबा
चोखानी थारो चाकर बाबा
थे हो पालनहार जी
सुरभि से थारो
दरबार नहीं छूटे
म्हारा श्याम धणी
म्हारी सांसा री लड़ी
थारे हाथां में हाथां में।।


थारे म्हारे प्रेमी की या
डोरी नही टूटे
म्हारा श्याम धणी
म्हारी सांसा री लड़ी
थारे हाथां में हाथां में
चरणा री चाकरी की
सेवा नहीं छूटे
म्हारा श्याम धणी
म्हारी सांसा री लड़ी
थारे हाथां में हाथां में।।
स्वर सुरभि चतुर्वेदी।










thare mhare prem ki ya dori nahi tute lyrics