थारा धर्म हिन्दूओं बह ज्यागा मेरी आंख्यां के पानी में - MadhurBhajans मधुर भजन










थारा धर्म हिन्दूओं बह ज्यागा
मेरी आंख्यां के पानी में।।


कदे पूजें थे घर घर में
आज पड़ग्या फर्क कदर में
देई बणा बख्त अन्यायी ने
दर दर ठोकर खाणी में
थारां धर्म हिन्दूओं बह ज्यागा
मेरी आंख्यां के पानी में।।


स्वार्थ में डूबते जारे
संस्कार भूलगे सारे
कदे करके सेवा देख लियो
सूं कितनी कल्याणी में
थारां धर्म हिन्दूओं बह ज्यागा
मेरी आंख्यां के पानी में।।


सुणो कृष्ण जी के प्यारों
ना मान गऊ का मारो
उस कृष्ण जी गिरधारी ने
खूद अपनी मां जाणी में
थारां धर्म हिन्दूओं बह ज्यागा
मेरी आंख्यां के पानी में।।









गुरु ओमप्रकाश समझावै
प्रचार गऊ का चाहवै
कागसरिए आनंद न्यारा सै
तेरी कोयल सी बाणी में
थारां धर्म हिन्दूओं बह ज्यागा
मेरी आंख्यां के पानी में।।


थारा धर्म हिन्दूओं बह ज्यागा
मेरी आंख्यां के पानी में।।
गायक लेखक प्रेषक
रामधन गोस्वामी
9991051392










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