था बिन म्हारी आंख्या हो गई बावली भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










था बिन म्हारी
आंख्या हो गई बावली
ई टाबर के मन में बस गई
सूरत थारी सांवली
ई टाबर के मन में बस गई
सूरत थारी सांवली।।
तर्ज थाली भरके लाई।


मनड़ो म्हारो सुनो डोले
डगमग झोला खावे है
आंखड़ल्या विरहा की मारी
आंसुड़ा टपकावे है
कईया चलसी
थांबिन म्हारी गाड़ली
ई टाबर के मन में बस गई
सूरत थारी सांवली।।


मीरा पर किरपा किनी है
सुन कर आया बातड़ली
दास थारो यो आस लगाया
खड़यो जोवे है बाटड़ली
प्रेम जाम से
भरद्यो म्हारी बाटली


ई टाबर के मन में बस गई
सूरत थारी सांवली।।









पहल्या प्रीत लगाई के
क्यों छोड़े मजधार जी
प्रेम भाव को पाठ पढ़ाकर
मत बिसरे दिलदार जी
मन में रम गई
सूरत थारी सांवली
ई टाबर के मन में बस गई
सूरत थारी सांवली।।


था बिन म्हारी
आंख्या हो गई बावली
ई टाबर के मन में बस गई
सूरत थारी सांवली
ई टाबर के मन में बस गई
सूरत थारी सांवली।।
गायक संजू शर्मा जी।










tha bin mhari aankhya ho gayi bawali lyrics