तेरी मोर छड़ी के सायें में जो भी आ जाते है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
तेरी मोर छड़ी के सायें में
जो भी आ जाते है
चाहे निर्धन हो या निर्बल हो
वो सब तर जाते है।।
तर्ज उस बांसुरी वाले की।
जब जब दुनिया से हारा
मेरे श्याम तुझे ही पुकारा
तेरे तीन बाण का चिन्ह भी
देता है मुझे सहारा
खाटू में बैठे श्याम धणी
खाटू में बैठे श्याम धणी
सब दुःख हर जाते है
चाहे निर्धन हो या निर्बल हो
वो सब तर जाते है।।
कलयुग अवतारी बाबा
श्री श्याम स्वरुप कहाए
खाटू में बैठा बाबा
अपनी सरकार चलाए
जो हार के दर पे आए
जो हार के दर पे आए
वो जीत जाते है
चाहे निर्धन हो या निर्बल हो
वो सब तर जाते है।।
तेरा नाम जगत में प्यारा
जो लेता इसका सहारा
तू दीन बंधू दुखहर्ता
तू ही हारे का सहारा
जिसने भी श्याम पुकारा
जिसने भी श्याम पुकारा
उसके हो जाते है
चाहे निर्धन हो या निर्बल हो
वो सब तर जाते है।।
गैरो की बात करे क्या
अपनों ने हमें सताया
बन गई जिन्दगी मेरी
जबसे खाटू हूँ आया
कहता अमित ये बाबा
कहता अमित ये बाबा
हर बात निभाते है
चाहे निर्धन हो या निर्बल हो
वो सब तर जाते है।।
तेरी मोर छड़ी के सायें में
जो भी आ जाते है
चाहे निर्धन हो या निर्बल हो
वो सब तर जाते है।।
स्वर अमित शेरेवाला।
teri mor chadi ke saaye me lyrics