तेरी गाऊँ ऐ सतगुरू महिमा मै क्या भजन - MadhurBhajans मधुर भजन
तेरी गाऊँ ऐ सतगुरू
महिमा मै क्या
मै हूँ भटका हुआ
एक दास तेरा
कुछ कहूँ है कहाँ
ये मजाल मेरी
महिमा है सतगुरू
बेमिशाल तेरी।।
तर्ज खुश रहे तू सदा ये दुआ।
हर तरफ हर जगह
सतगुरू रुतबा तेराहो
हर डगर हर नज़र
मे है जलवा तेरा
महिमा गाऊँ मै क्या
दीन दयाल तेरी
कुछ कहूँ है कहाँ
ये मजाल मेरी
महिमा है सतगुरू
बेमिशाल तेरी।।
तुमने करके क़रम
मुझको तन ये दियाहो
उसपे करके दया मुझको
शरण ले लिया
हो गई जिदँगी
ये निहाल मेरी
कुछ कहूँ है कहाँ
ये मजाल मेरी
महिमा है सतगुरू
बेमिशाल तेरी।।
रँग दो मेरी चुनर
अपने रँग मे प्रभूहो
आ के बस जाओ मेरे
मन मे प्रभू
कर दो चूनर मेरी
लालो लाल प्रभू
कुछ कहूँ है कहाँ
ये मजाल मेरी
महिमा है सतगुरू
बेमिशाल तेरी।।
तेरी गाऊँ ऐ सतगुरू
महिमा मै क्या
मै हूँ भटका हुआ
एक दास तेरा
कुछ कहूँ है कहाँ
ये मजाल मेरी
महिमा है सतगुरू
बेमिशाल तेरी।।
भजन लेखक एवं प्रेषक
शिवनारायण वर्मा
मोबान8818932923
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teri gaun ae satguru mahima mai kya