तेरी दो दिन की जिन्दगानी प्राणी भजले नाम हरि का - MadhurBhajans मधुर भजन










तेरी दो दिन की जिन्दगानी
प्राणी भजले नाम हरि का
है ये दुनिया आनी जानी
प्राणी भजले नाम हरि का
तू ने मैली चादर करदी
सर पे पाप की गठरी धरली
कुछ सोचा नसमझा न
उमर ही गँवा दी
तेरी दो दिन की जिन्दगानी
प्राणी भजले नाम हरि का।।
तर्ज अब चाहे माँ रूठे या बाबा।


दो दिन की तेरी है जवानी
क्यो करता है फिर नादानी
क्यो अकड़ता है तू योवन पर
ढल जाएगी एक दिन ये प्राणी
हरि का नाम भज
सभी अभिमान तज
लेले चरणो की रज
दुनिया मे न फँस
तेरी नैया बीच भँवर मै
प्राणी भजले नाम हरि का।।


नाम धन की तू करले कमाई
गुरू चरणो मे आ मेरे भाई
किसी के काम दौलत न आई
सारी दुनिया ही इसमे समाई
नाम मे मन लगा
कर न खुद से दगा
होगी फिर क्या सजा
तू क्या जाने भला
अब तू छोड़ भी दे
मनमानी
प्राणी भजले नाम हरि का।।









सुमिरन मे मगन हो जा प्यारे
देख दुनिया मे फिर तू नजारे
तेरी दुनिया बदल जाए पल मे
रहे गुरुवर के जो तू सहारे
हरि का नाम भज
सभी अभिमान तज
लेले चरणो की रज
दुनिया मे न फँस
अब तू न कर आना कानी
प्राणी भजले नाम हरि का।।


तेरी दो दिन की जिन्दगानी
प्राणी भजले नाम हरि का
है ये दुनिया आनी जानी
प्राणी भजले नाम हरि का
तू ने मैली चादर करदी
सर पे पाप की गठरी धरली
कुछ सोचा नसमझा न
उमर ही गँवा दी
तेरी दो दिन की जिन्दगानी
प्राणी भजले नाम हरि का।।
भजन लेखक एवं प्रेषक
श्री शिवनारायण वर्मा
मोबान8818932923
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teri do din ki zindagani bhajan lyrics