तेरे पहरे बिन बालाजी महारः भुत बड़ें जा से - MadhurBhajans मधुर भजन










तेरे पहरे बिन बालाजी
महारः भुत बड़ें जां सं।।


सब क्यांए में हो स घाटा
घर के पित्र करं सं टाटा
गई लक्ष्मी दुर यो टोटा
खुब छिड़ै जा स
तेरे पेहरे बिन बालाजी
महारः भुत बड़ें जां सं।।


घर में कलह रहबलकारी
होणी चले होण की मारी
करदे ने पोंबारा काणे
तीन लड़े जां स
तेरे पेहरे बिन बालाजी
महारः भुत बड़ें जां सं।।


पेशी झुमे जा स घर में
चौगरदे तं लिया सुं घिर मैं
बाजः रोज मटाक लड़ाई
खुब लड़े जा स
तेरे पेहरे बिन बालाजी
महारः भुत बड़ें जां सं।।









छोटी पुलिया पाई कोना
राजपाल मन्नै हरगिज टोणा
अशोक भक्त दुख पाया
न्युं के छंद घड़े जां सं
तेरे पेहरे बिन बालाजी
महारः भुत बड़ें जां सं।।


तेरे पहरे बिन बालाजी
महारः भुत बड़ें जां सं।।
गायक नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक राकेश कुमार जी
खरक जाटानरोहतक
9992976579










tere pahare bin balaji mhare bhut bade ja se lyrics