तेरे जैसा राम भगत कोई हुआ ना होगा मतवाला भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
तेरे जैसा राम भगत
कोई हुआ ना होगा मतवाला
एक जरा सी बात की खातिर
सीना फाड़ दिखा डाला।।
तर्ज क्या मिलिए ऐसे लोगो।
आज अवध की शोभी लगती
स्वर्ग लोक से भी प्यारी
चौदह वर्षों बाद राम के
राज तिलक की तैयारी
हनुमत के दिल की मत पूछो
झूम रहा है मतवाला
एक जरा सी बात की खातिर
सीना फाड़ दिखा डाला।।
रतन जड़ित हीरो का हार जब
लंकापति ने नज़र किया
राम ने सोचा आभूषण है
सीता जी की ओर किया
सीता ने हनुमत को दे दिया
इसे पहन मेरे लाला
एक जरा सी बात की खातिर
सीना फाड़ दिखा डाला।।
हार हाथ में लेकर हनुमत
घुमा फिरा कर देख रहे
नहीं समझ में जब आया तब
तोड़ तोड़ कर फेंक रहे
लंकापति मन में पछताया
पड़ा है बंदर से पाला
एक जरा सी बात की खातिर
सीना फाड़ दिखा डाला।।
लंकापति का धीरज छूटा
क्रोध की भड़क उठी ज्वाला
भरी सभा में बोल उठा क्या
पागल हो अंजनी लाला
अरे हार कीमती तोड़ दिया
क्या पेड़ का फल है समझ डाला
एक जरा सी बात की खातिर
सीना फाड़ दिखा डाला।।
हाथ जोड़ कर हनुमत बोले
मुझे है क्या कीमत से काम
मेरे काम की चीज वही है
जिस में बसते सीता राम
राम नज़र ना आया इसमें
यूँ बोले बजरंग बाला
एक जरा सी बात की खातिर
सीना फाड़ दिखा डाला।।
इतनी बात सुनी हनुमत की
बोल उठा लंका वाला
तेरे में क्या राम बसा है
सभा बिच में कह डाला
चीर के सीना हनुमत ने
सियाराम का दरश करा डाला
एक जरा सी बात की खातिर
सीना फाड़ दिखा डाला।।
तेरे जैसा राम भगत
कोई हुआ ना होगा मतवाला
एक जरा सी बात की खातिर
सीना फाड़ दिखा डाला।।
स्वर लखबीर सिंह जी लख्खा।
tere jaisa ram bhakt koi bhajan lyrics