तेरे होते क्यों दादी मैं हार जाती हूँ भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










हर बार मैं खुद को
लाचार पाती हूँ
तेरे होते क्यों दादी
मैं हार जाती हूँ
तेरे होते क्यो दादी
मैं हार जाती हूँ।।


हर कदम पे क्या यूँ ही
मैं ठोकर खाउंगी
माँ इतना कह दे क्या
मैं जीत ना पाऊँगी
तेरी चौखट पे मैं क्या
बेकार आती हूँ
तेरे होते क्यो दादी
मैं हार जाती हूँ।।


क्यों अपनी बेटी को
तू भूली बिसरि है
लाडो अरदास लिए
चौखट पे पसरी है
तेरी ममता याद दिलाने
तेरे द्वार आती हूँ
तेरे होते क्यो दादी
मैं हार जाती हूँ।।


मेरा हाथ पकड़ ले माँ
मैं इतना ही चाहूँ
स्वाति जीवन में फिर
मैं हार नहीं पाऊं
अरमा ये हर्ष लिए
दरबार आती हूँ


तेरे होते क्यो दादी
मैं हार जाती हूँ।।









हर बार मैं खुद को
लाचार पाती हूँ
तेरे होते क्यों दादी
मैं हार जाती हूँ
तेरे होते क्यो दादी
मैं हार जाती हूँ।।












tere hote kyo dadi main haar jati hun lyrics