तेरे हाथ में पतवार है फिर नाव क्यों मझधार है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










तेरे हाथ में पतवार है
फिर नाव क्यों मझधार है
मेरे सांवरे मेरे सांवरे
बड़ी तेज़ गम की ये धार है
मेरा तू ही खेवनहार है
मेरे सांवरे मेरे सांवरे।।
तर्ज किसी राह में किसी मोड़।


मैंने सौंप दी तुझे ज़िन्दगी
मैंने सौंप दी तुझे ज़िन्दगी
तेरा प्यार मेरी बंदगी
नहीं आसरा कोई दूसरा
मेरा तू ही बस सरकार है
मेरे सांवरे मेरे सांवरे।।


तेरे होते मैं क्यों फिकर करूँ
तेरे होते मैं क्यों फिकर करूँ
तू जो साथ है तो मैं क्यों डरूं
मेरी आस और विश्वास तू
मेरा तू ही तो आधार है
मेरे सांवरे मेरे सांवरे।।









कभी बीच राह ना छोड़ना
कभी बीच राह ना छोड़ना
कभी दिल ये मेरा ना तोड़ना
कुंदन ये रंग तेरे संग संग
रंगीन ये संसार है
मेरे सांवरे मेरे सांवरे।।


तेरे हाथ में पतवार है
फिर नाव क्यों मझधार है
मेरे सांवरे मेरे सांवरे
बड़ी तेज़ गम की ये धार है
मेरा तू ही खेवनहार है
मेरे सांवरे मेरे सांवरे।।















tere hath me patwar hai fir naav kyo majdhar hai lyrics