तेरे दरबार में सर झुकाती रहूं श्याम भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










तेरे दरबार में सर झुकाती रहूं
दोहा रुतबा ये मेरे सर को
तेरे दर से मिला है
हालांकि ये सर भी
तेरे दर से मिला है।
औरो को जो मिला है
मुक्क्दर से मिला है
मुझको मुक्कदर भी श्याम
तेरे दर से मिला है।


तेरे दरबार में सर झुकाती रहूं
तू बुलाता रहे और मैं आती रहूं
तू बुलाता रहे और मैं आती रहूं।।
तर्ज एक तू जो मिला।









तेरे चरणों की सेवा
और भक्ति मिले
तेरे चरणों में रहकर
ही मुक्ति मिले
मन के मंदिर में
तुझको सजाती रहूं
तू बुलाता रहे और मैं आती रहूं
तू बुलाता रहे और मैं आती रहूं।।


नाम से तेरे मुझको
है शोहरत मिली
मुझको दौलत भी
तेरी बदौलत मिली
कर कृपा मान
सम्मान पाती रहूं
तू बुलाता रहे और मैं आती रहूं
तू बुलाता रहे और मैं आती रहूं।।


आरजू दिल की चौखट
ना छूटे कभी
तार तुझसे जुड़ा
वो ना टूटे कभी
सांसे जब तक चले
भजन गाती रहूं
तू बुलाता रहे और मैं आती रहूं
तू बुलाता रहे और मैं आती रहूं।।


तेरे दरबार में सर झुकाती रहूँ
तू बुलाता रहे और मैं आती रहूं
तू बुलाता रहे और मैं आती रहूं।।













tere darbar me sar jhukati rahu lyrics