तेरे दर पे मेरे माधव ये शीश झुकाया है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
तेरे दर पे मेरे माधव
ये शीश झुकाया है
बाबा हार के आया हूँ मैं
दर दर का सताया हूँ
तेरे दर पर मेरे माधव
ये शीश झुकाया है।।
तर्ज एक प्यार नगमा है।
चौखट पे गया सबकी
हर मंदिर में भटका हूँ
आखिर तेरे तोरण पर
अपना सर रखता हूँ
सुनता हूँ तेरी रहमत
दिन रात बरसती है
बाबा हार के आया हूँ मैं
दर दर का सताया हूँ
तेरे दर पर मेरे माधव
ये शीश झुकाया है।।
जिनसे भी उम्मीदे थी
उन सबने रुलाया है
रो रो कर गम पूछे
हस हस कर उड़ाया है
विश्वास तुझी पर है
नैया पार लगानी है
बाबा हार के आया हूँ मैं
दर दर का सताया हूँ
तेरे दर पर मेरे माधव
ये शीश झुकाया है।।
अब आस तुम्ही से है
ऐतबार तुम्ही पे है
मयूर का सेठ है तू
अरदास तुम्ही से है
अश्को के सागर को
हरी आकर के संभालोगे
बाबा हार के आया हूँ मैं
दर दर का सताया हूँ
तेरे दर पर मेरे माधव
ये शीश झुकाया है।।
तेरे दर पे मेरे माधव
ये शीश झुकाया है
बाबा हार के आया हूँ मैं
दर दर का सताया हूँ
तेरे दर पर मेरे माधव
ये शीश झुकाया है।।
tere dar pe mere madhav ye shish jhukaya hai lyrics