तेरे भरोसे बैठ्यो सांवरे बोल कहा मैं जाऊं भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
तेरे भरोसे बैठ्यो सांवरे
बोल कहा मैं जाऊं
मालिक हैं जब तू ही मेरा
किससे आस लगाऊं
तेरे भरोसे बैठ्यो साँवरे।।
कौन सा ऐसा कर्म है मेरा
जो दुख मुझे सताते हैं
कहते हैं ऋषि मुनि और ग्यानी
सुख दुख आते जाते हैं
माने ना ये मनवा मेरा
कैसे धीर बँधाऊँ
मालिक हैं जब तू ही मेरा
किससे आस लगाऊं
तेरे भरोसे बैठ्यो साँवरे।।
भाई बंधु रिश्ते नाते
सुख में साथ निभाते हैं
बदल गए हालात जो मेरे
नज़र नही वो आते हैं
एक भरोसा तेरा मुझको
हर पल संग मैं पाउ
मालिक हैं जब तू ही मेरा
किससे आस लगाऊं
तेरे भरोसे बैठ्यो साँवरे।।
छोड़ के झूठे बंधन सारे
तेरी सरण में आया
ना काबिल था इन चरणो के
फिर भी गले लगाया
ऐसी किरपा कर गोपाल पे
महिमा तेरी गाऊ
मालिक हैं जब तू ही मेरा
किससे आस लगाऊं
तेरे भरोसे बैठ्यो साँवरे।।
तेरे भरोसे बैठ्यो सांवरे
बोल कहा मैं जाऊं
मालिक हैं जब तू ही मेरा
किससे आस लगाऊं
तेरे भरोसे बैठ्यो साँवरे।।
लेखक प्रेषक गोपालकृष्ण शर्मा।
9381188890
गायक हिमांशु शर्मा।
tere bharose baithyo sanware bol kahan main jaun lyrics