तेरा कैसे कर्ज चुकाऊं कितने एहसान गिनाऊं लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
तेरा कैसे कर्ज चुकाऊं
कितने एहसान गिनाऊं
तू देकर भूलने वाला
मैं हर पल हाथ फैलाऊं।।
तर्ज तुझे सूरज कहूं या।
एक पूरी मांग हुई जो
दूजी फरियाद लगाई
जब जब भी पड़ी जरूरत
मुझे तेरी याद ही आई
तेरे ही भरोसे बाबा
सपनों के महल बनाऊं
तू देकर भूलने वाला
मै हर पल हाथ फैलाऊं।
तेरा कैंसे कर्ज चुकाऊं
कितने ऐहसान गिनाऊं
तू देकर भूलने वाला
मैं हर पल हाथ फैलाऊं।।
मन पापी तन मेला
तुझे कैसे यार कहूं मैं
तू दाता मैं हूँ भिखारी
कैसा व्यवहार करूँ मैं
अपनी औकात में रह के
चरणों से भीख उठाऊं
तू देकर भूलने वाला
मै हर पल हाथ फैलाऊं।
तेरा कैंसे कर्ज चुकाऊं
कितने ऐहसान गिनाऊं
तू देकर भूलने वाला
मै हर पल हाथ फैलाऊं।।
अब तक जो साथ चले हो
तुम हाथ पकड़ के मेरा
कल भी ऐहसास दिलाना
की मैं साथी हूँ तेरा
पंकज कहता सांवरिया
तेरा हर पल शुक्र मनाऊं
तू देकर भूलने वाला
मै हर पल हाथ फैलाऊं।
तेरा कैंसे कर्ज चुकाऊं
कितने ऐहसान गिनाऊं
तू देकर भूलने वाला
मै हर पल हाथ फैलाऊं।।
तेरा कैसे कर्ज चुकाऊं
कितने ऐहसान गिनाऊं
तू देकर भूलने वाला
मै हर पल हाथ फैलाऊं।।
tera kaise karj chukaun bhajan lyrics