तेरा दरबार ओ बाबा जहाँ से न्यारा है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
तेरा दरबार ओ बाबा
जहाँ से न्यारा है
जिसने ध्याया उसने पाया
तेरा सहारा है
तेरा दरबार सांवरे
जहाँ से न्यारा है।।
तर्ज तेरी गलियों का हूँ आशिक।
तेरे दरबार से मायूस
सवाली ना गया
जो भी इक बार आ गया है
वो खाली ना गया
जिसने श्रद्धा से सांवरे
तुझे पुकारा है
तेरा दरबार सांवरे
जहाँ से न्यारा है।।
तेरे दरबार ने रोते को
हर ख़ुशी दी है
तेरे दरबार ने मुर्दों को
जिंदगी दी है
तू ही माझी तू ही नैया
तू ही किनारा है
तेरा दरबार ओं बाबा
जहाँ से न्यारा है।।
दिल में तड़पन रहे जिन्दा
ये मेरी अर्जी है
चाहे अपना चाहे ठुकरा
ये तेरी मर्जी है
तू ही दरिया तू ही साहिल
तू ही किनारा है
तेरा दरबार ओं बाबा
जहाँ से न्यारा है।।
तेरा दरबार ओ बाबा
जहाँ से न्यारा है
जिसने ध्याया उसने पाया
तेरा सहारा है
तेरा दरबार सांवरे
जहाँ से न्यारा है।।
स्वर सुरभि चतुर्वेदी।
tera darbar o baba jaha se nyara hai lyrics