सुर में तेरे ढल जाऊँ मैं सुध ले रे साँवरे उमा लहरी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










सुर में तेरे ढल जाऊँ मैं
सुध ले रे साँवरे
तेरी बंशी खुद बन जाऊँ मैं
सुर में तेरे ढल जाऊँ मैं।।
तर्ज पंख होते तो उड़ आती रे।


तेरे तराने गा गा रिझाऊँ
हाथो में तेरे इतराऊं
होंठो से तेरे मैं लग जाऊँ
होंठो से तेरे मैं लग जाऊँ
अपने सुर तेरे सुर में मिलाऊँ
सुध ले रे साँवरे
तेरी बंशी खुद बन जाऊँ मैं।
सुर में तेरे ढल जाऊँ मैं
सुध ले रे साँवरे
तेरी बंशी खुद बन जाऊँ मैं
सुर में तेरे ढल जाऊँ मैं।।









मस्ती में झूमूँ मस्ती में गाउँ
तेरे स्वरों में कान्हा साज सजाऊँ
ऐसी मस्ती और कहीं ना
ऐसी मस्ती और कहीं ना
हर दम ही तेरा साथ मैं पाऊँ
सुध ले रे साँवरे
तेरी बंशी खुद बन जाऊँ मैं
सुर में तेरे ढल जाऊँ मैं।
सुर में तेरे ढल जाऊँ मैं
सुध ले रे साँवरे
तेरी बंशी खुद बन जाऊँ मैं।।


अपना दरद सीने में छिपाऊँ
गोपी विरह का मैं गीत गाउँ
हरि गुण सिसक सिसक मैं गाउँ
हरि गुण सिसक सिसक मैं गाउँ
जड़ चेतन सब ही को जगाऊँ
सुध ले रे साँवरे
तेरी बंशी खुद बन जाऊँ मैं
सुर में तेरे ढल जाऊँ मैं।
सुर में तेरे ढल जाऊँ मैं
सुध ले रे साँवरे
तेरी बंशी खुद बन जाऊँ मैं।।


तेरे प्रेम में मैं बिंध जाऊँ
अपना तन विरह में जलाऊं
शीत घाम सबकुछ सह जाऊँ
शीत घाम सबकुछ सह जाऊँ
इंदु प्रेम के गीत मैं गाउँ
सुध ले रे साँवरे
तेरी बंशी खुद बन जाऊँ मैं
सुर में तेरे ढल जाऊँ मैं।
सुर में तेरे ढल जाऊँ मैं
सुध ले रे साँवरे
तेरी बंशी खुद बन जाऊँ मैं।।


सुर में तेरे ढल जाऊँ मैं
सुध ले रे साँवरे
तेरी बंशी खुद बन जाऊँ मैं
सुर में तेरे ढल जाऊँ मैं।।










sur me tere dhal jaun mei lyrics