सुनता है तू सबकी क्यों अब तू विचारे है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










सुनता है तू सबकी
क्यों अब तू विचारे है
मेरी भी सुनेगा तू
ये कहते सारे हैं
सुनता है तु सबकी।।
तर्ज संसार है एक नदियां।


मुद्दत से जीवन में
छाया क्यों अँधेरा है
मुझको तो लगता है
जीवन का फेरा है
ना दर के सिवा तेरे
कहीं हाथ पसारे हैं
सुनता है तु सबकी
क्यों अब तू विचारे है।।


माना की हाथों में
किस्मत की नहीं रेखा
जो बीत रही मुझपे
क्या तूने नहीं देखा
हर बिगड़ी किस्मत को
तू ही तो संवारे है
सुनता है तु सबकी
क्यों अब तू विचारे है।।









पापी भी कपटी भी
यहाँ मौज में रहते हैं
तेरे भक्त कई बाबा
ग़म पल पल सहते हैं
ना समझ सके जालान
जो खेल तुम्हारे हैं
सुनता है तु सबकी
क्यों अब तू विचारे है।।


सुनता है तू सबकी
क्यों अब तू विचारे है
मेरी भी सुनेगा तू
ये कहते सारे हैं
सुनता है तु सबकी।।
लेखक एवं प्रेषक
पवन जालान जी। 9416059499
भिवानी हरियाणा
गायक सोनू पारीक।










sunta hai tu sabki kyo ab tu vichare hai lyrics