सुन्दर कहलाते जो इस जग के नज़ारे है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
सुन्दर कहलाते जो
इस जग के नज़ारे हैं
तेरी चुनरी में हे माँ
वो चाँद सितारे हैं
सुंदर कहलाते जो
इस जग के नज़ारे हैं।।
तर्ज गुरुदेव दया करके।
पूरब में सूरज की
लाली जब छाती है
लगता चुनरी ओढ़े
तू धरती पे आती है
तेरी ही आभा के
ये सारे उजारे है
सुंदर कहलाते जो
इस जग के नज़ारे हैं।।
चमकीली ये मणिया
फीकी पड़ जाती हैं
भावो से भरी चुनरी
में जब सज जाती हैं
तारों के लटकन से
जड़े इसके किनारे हैं
सुंदर कहलाते जो
इस जग के नज़ारे हैं।।
जब मन तेरे दर्शन को
मैया ललचाता है
चुनरी के रंग में ही
चंदा रंग जाता है
आजा ओढ़न को माँ
आकाश पुकारे है
सुंदर कहलाते जो
इस जग के नज़ारे हैं।।
सुन्दर कहलाते जो
इस जग के नज़ारे हैं
तेरी चुनरी में हे माँ
वो चाँद सितारे हैं
सुंदर कहलाते जो
इस जग के नज़ारे हैं।।
sundar kahlate jo is jag ke nazare hai lyrics