सुन सांवरे तुमको कब से पुकारें रे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
सुन सांवरे तुमको
कब से पुकारें रे
नैना भी म्हारे प्यारे
रो रो के हारे रे
सुन साँवरे तुमको
कब से पुकारें रे।।
तर्ज ओ सांवरे हमको।
अपनी ही उलझनों में
उलझे हम आए रे
मिलते ही नैन तुमसे
कुछ ना कह पाए रे
अंखियों से बरसे मोती
दर पे तुम्हारे रे
सुन साँवरे तुमको
कब से पुकारें रे।।
दुखियों की भीड़ दर पे
रहे दिन रात है
जाने है तू तो हर एक
दिल की रे बात है
भींगी हैं पलकें सबकी
तुमको निहारे रे
सुन साँवरे तुमको
कब से पुकारें रे।।
बांकी है चितवन तेरी
बांके ही नैन हैं
मिल के भी तुमसे बाबा
रहते बैचेन हैं
करते हैं घायल तेरे
नैन कजरारे रे
सुन साँवरे तुमको
कब से पुकारें रे।।
कृपा हो जाए तेरी
विनती हमारी है
भक्तों में तेरे नहीं
गिनती हमारी है
कहता ना झूठ जालान
चाहे तू बिसारे रे
सुन साँवरे तुमको
कब से पुकारें रे।।
सुन सांवरे तुमको
कब से पुकारें रे
नैना भी म्हारे प्यारे
रो रो के हारे रे
सुन साँवरे तुमको
कब से पुकारें रे।।
लेखक
पवन जालान जी।
9416059499 भिवानी हरियाणा
sun sanware tumko kabse pukare re lyrics