सुण म्हारा जम्भगुरू सुण ज्यो मैं अरज करू - MadhurBhajans मधुर भजन










सुण म्हारा जम्भगुरू
सुण ज्यो मैं अरज करू
थे पिपासर भल आयज्यो
मैं अर्ज करू।।


मां हंसा रो मान बढाया ज्यो
मैं अर्ज करू
थे समराथल पर आयज्यो
मैं अर्ज करू
सुण म्हारा जम्भंगुरू
सुण ज्यो मैं अरज करू।।


थे रोटु नगरी आयज्यो
उमा ने भात भराय ज्यो
मैं अर्ज करू
थे जाम्भां नगरी आयज्यो
मैं ध्यान धरू।।


जाभोलाव रो माहत्म बतायज्यो
मैं अर्ज करू
थारो हरी ने भजन बणायो
मैं अर्ज करू
सुण म्हारा जम्भंगुरू
सुण ज्यो मैं अरज करू।।









सुण म्हारा जम्भगुरू
सुण ज्यो मैं अरज करू
थे पिपासर भल आयज्यो
मैं अर्ज करू।।
गायक जगदिश गोदारा साचोर।
लेखक प्रेषक हरी पूनिया गौड़ू।
7615092929

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