सुखी बसे संसार सब दुखिया रहे ना कोय लिरिक्स - Sukhi Base Sansar Sab Lyrics
सुखी बसे संसार सब
दुखिया रहे ना कोय
यह अभिलाषा हम सब की
भगवन पूरी होय
विद्या बुद्धि तेज बल
सबके भीतर होय
दूध पूत धन धान्य से
वंचित रहे न कोय।।
आपके भक्ति प्रेम से
मन होवे भरपूर
राग द्वेष से चित्त मेरा
कोसो भागे दूर
मिले भरोसा आपका
हमें सदा जगदीश
आशा तेरे नाम की
बनी रहे मम ईश।।
पाप से हमें बचाइये
करके दया दयाल
अपना भक्त बनाय के
सबको करो निहाल
दिल में दया उदारता
मन में प्रेम अपार
हृदय में धारु धीरता
हे मेरे करतार
हाथ जोड़ विनती करूँ
सुनिए कृपा निधान
साधु संगत सुख दीजिए
दया धर्म का दान
दीजे दया धर्म का दान
दीजे दया धर्म का दान।।
सुखी बसे संसार सब
दुखिया रहे ना कोय
यह अभिलाषा हम सब की
भगवन पूरी होय
विद्या बुद्धि तेज बल
सबके भीतर होय
दूध पूत धन धान्य से
वंचित रहे न कोय।।
स्वर श्री देवकीनंदन ठाकुर जी।
sukhi base sansar sab lyrics