सोहन शिखर घर तापे हो जोगेश्वर देसी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
गुरु कर ज्ञान ध्यान कर महुआ
तन वाटी मन झारा
सुखमण नार जगोवण आई
पीवो पीवण हारा
गगन मंडल घर सीजे हो राजेश्वर
सोहन शिखर घर तापे हो जोगेश्वर
बंक नाल हरि हरि उलट प्रेम रस पीवना।।
काल क्रोध वठी तल होम्या
सुरत सोगनी लागी
बंक नाल रा उल्टे झारा
जद सुखमण नावन लागी
गगन मंडल घर सीजे हो राजेश्वर
सोहन शिखर घर तापे हों जोगेश्वर
बंक नाल हरि हरि उलट प्रेम रस पीवना।।
दोय सुर जोड़ जगाए ले वाटी
अमीरस हूवोडा तैयारी
आवन जावन रा मिट गया फेरा
मिट गई जमड़े री फांसी
गगन मंडल घर सीजे हो राजेश्वर
सोहन शिखर घर तापे हों जोगेश्वर
बंक नाल हरि हरि उलट प्रेम रस पीवना।।
मैं म्हारे घट में सुरत हलाई
परख्यो गढ़ रो राजा
जद मेरो मोहिलो शिखर पर चढियों
मगन हुआ रंग लागा
गगन मंडल घर सीजे हो राजेश्वर
सोहन शिखर घर तापे हों जोगेश्वर
बंक नाल हरि हरि उलट प्रेम रस पीवना।।
गगन मंडल में रहत हमारी
सोहन शिखर घर मेरा
कहत कबीर सुनो भाई साधो
फेर नही देवू फेरा
गगन मंडल घर सीजे हो राजेश्वर
सोहन शिखर घर तापे हों जोगेश्वर
बंक नाल हरि हरि उलट प्रेम रस पीवना।।
गुरु कर ज्ञान ध्यान कर महुआ
तन वाटी मन झारा
सुखमण नार जगोवण आई
पीवो पीवण हारा
गगन मंडल घर सीजे हो राजेश्वर
सोहन शिखर घर तापे हो जोगेश्वर
बंक नाल हरि हरि उलट प्रेम रस पीवना।।
गायक रूपाराम जी सेजू सियानी।
8302031687
sohan shikhar ghar tape ho jogeshwar lyrics