सीता के राम थे रखवाले जब हरण हुआ तब कोई नहीं लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
सीता के राम थे रखवाले
जब हरण हुआ तब कोई नहीं।।
तर्ज जिस भजन में राम का।
द्रोपदी के पांचो पांडव थे
जब चीर हरण तब कोई नहीं
दशरथ के चार दुलारे थे
जब प्राण तजे कब कोई नहीं।।
रावण भी बड़े शक्तिशाली थे
जब लंका जली तब कोई नहीं
श्री कृष्ण सुदर्शन धारी थे
जब तीर चुभा तब कोई नहीं।।
लक्ष्मण जी भी भारी योद्धा थे
जब शक्ति लगी तब कोई नहीं
सर शय्या पे पड़े पितामह थे
पीड़ा का सांझी कोई नहीं।।
अभिमन्यु राज दुलारे थे
पर चक्रव्यूह में कोई नहीं
सच है देवेंद्र दुनिया वाले
संसार में अपना कोई नहीं।।
सीता के राम थे रखवाले
जब हरण हुआ तब कोई नहीं।।
स्वर देवेंद्र पाठक जी।
sita ke ram the rakhwale jab haran hua tab koi nahi lyrics